ऑलबुक की कहानी (motivational story in Hindi)


 ऑल बुक एक विश्व प्रसिद्ध वायलिन वादक था वह अपने वायलिन वादन के द्वारा ने कल प्रसिद्धि प्राप्त की बल्कि धन भी कमाया। उसका नाम सुनकर लोग खुश हो जाते थे पर कितनों को इसका ज्ञान है। कि वह अपने बरसो समय के क्षणों में लंबी-लंबी साधना की है‌। उसे समय का ध्यान नहीं रहता था कब दिन हो गया कब रात आ गई कब सवेरा हो गया। बस वह वायलिन बजाने में लगा रहता था। लंबे समय तक उसे कोई नहीं जानता था की वह एक संगीतकार है। 

उसके जीवन में कई बार अवसर के क्षण इस प्रकार आए।
एक दिन उसकी खिड़की के नीचे से एक सुप्रसिद्ध गायिका मालब्रेन गुजर रहे थी। ऑलबुक अपने वायलिन बजाने में इतना तल्लीन था। कि उसे कोई भी सुध बुध नहीं थी गायिका  मालब्रेन वायलिन का संगीत सुनकर चौंक गई। उसने अपने जीवन में इससे पहले कभी भी वायलिन के इतनी मधुर संगीत कभी नहीं सुना था।

 वह खिड़की के पास कर काफी देर तक उसका संगीत सुनती रही। लेकिन वह ऑलबुक से नहीं मिली। उसका संगीत सुनकर वह वहां से चली गई। और आसपास से ऑल बुक के बारे में सूचनाएं पता कर ली ।
एक दिन एक संगीत आयोजन में गायिका माल ब्रेन का आयोजन में झगड़ा हो गया। प्रबंधकों से उसकी किसी बात पर अनबन होने के कारण उसने गाने से इंकार कर दिया।

प्रबंधकों ने मालब्रेन के द्वारा ऑल बुक के बारे में पहले सुना था। इसलिए प्रबंधकों ने ऑलबुक के बारे में पता लगाया और उसके पास चले गए। उसे कहा गया कि मालब्रेन को अपने संगीत के लिए उसे तैयार करें। प्रसिद्धि के लालच में आकर ऑलबुक मालब्रेन के पास गया। मालब्रेन उससे प्रभावित थी। तो उसे जल्दी पहचान गई। फिर दोनों ने अपना प्रोग्राम शुरू किया‌। प्रोग्राम 1 घंटे तक चला। इस 1 घंटे तक उसने दर्शकों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर के रखा। उसके कार्यक्रम में मालब्रेन ने भी उसका साथ दिया। यह प्रोग्राम जनता को बहुत पसंद आया। और ऑलबुक एक ही प्रोग्राम में प्रसिद्ध हो गया। उसके नाम की धूम मच गई।

 देखते ही देखते उसकी विश्व के सर्वश्रेष्ठ वादकों गणना होने लगी। इस प्रकार ऑलबुक ने अपने सामने भव्य अवसर को छोड़ा नहीं। अगर वह वायलिन बजाने से मना कर देता तो वह कभी एक प्रतिष्ठित वादक नहीं बन सकता था। इसलिए अवसर के क्षणों को पहचानना चाहिए। 

 मनुष्य सदा अपने सामने आए अवसर का लाभ उठाएं इस प्रकार जो करता है वह फिर अपने कार्य में सफल हो जाया करता है। संसार में इसके उदाहरण भरे पड़े हैं भाग्य की संज्ञा देखकर इन अवसरों के क्षणों की उपेक्षा नहीं कर सकते ।


 एंटोनियो की कहानी

( best motivational story in Hindi)


एंटोनियो एक गरीब परिवार में जन्मा था उसकी घर की हालत बहुत दयनीय थी। इसलिए वह एक सम्मानित कवि के कैलरो के यहां बर्तन मांजने , घर की साफ सफाई का काम किया करता था। उसके घर के सामने वाली जगह के पास ही पत्थर काटने व साज सवारने की एक दुकान थी। उसका मालिक जोन था। एंटोनियो उसकी दुकान पर अक्सर जाया करता था।

 वह बड़े ध्यान से उसके काम को देखा करता था एंटोनियो की एक खूबी थी कि वह जिस काम को देखता था बहुत ध्यान से देखता था। फिर मन ही मन खूब मनन अध्ययन किया करता था। प्रत्येक बात वह अपने मन में जमा लिया करता था। वह फुर्सत के समय उसकी  दुकान पर काम करने लगा था। पर पैसे कम मिलते थे। पर इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था। क्योंकि वह केलरो के यहां काम करके पैसे कमा लेता था। 

एक दिन उसके मालिक ने अपने अत्यंत प्रतिष्ठित व्यक्तियों को दावत पर बुलाया।  शाम को दावत का आयोजन था। खाने की मेज पर सजावट के लिए उसके मालिक ने कांदविन नामक एक कुशल कारीगर को बुलाया।  जब वह सजावट का काम कर रहा था। तो अचानक सब्जी उसके हाथ से छूट गई और मेज खराब हो गई‌।
 अब क्या हो ?

वह कारीगर घबरा गया, मेज खराब हो गई। मेज को ठीक करने में अपने आप को असमर्थ महसूस कर रहा था। केलरो भी घबरा गया।
 अब क्या होगा?

बड़े-बड़े प्रतिष्ठित और सम्मानित लोग आ रहे हैं। अब क्या होगा? एंटोनियो चुपचाप सब देख रहा था। उसके मालिक को परेशान देखा तो बोला "श्रीमान आप चिंता ना करो।

 मैं सब कुछ ठीक कर देता हूं"  केलरो को बड़ा आश्चर्य हुआ और बोला " तुम ठीक कर दोगे।" एंटोनी ने अपनी कुशलता का परिचय दिया‌। उसने मध्य में खराब हो गई मेज पर सजावट के लिए बड़ी मात्रा में मक्खन मंगाया। उस मक्खन का उसने अत्यंत कलात्मक ढंग से बड़ा सा शेर बनाया, उसका अगला भाग आगे की ओर बड़े ही अच्छे से से झुका दिया। एंटोनियो की कला देखकर सब दंग रह गई अब मेज अत्यंत ही आकर्षक लग रही थी।
उस भोज में भाग लेने के लिए बड़े-बड़े व्यापारी, समाज के सम्मानित, और प्रतिष्ठित व्यक्ति आये। उसमें कई लोग कला प्रेमी थे । उसमें से अनेक की दृष्टि उस पर पड़ी। वह लोग मुग्ध भाव से देखते रह गए।
" यह तो कला का उत्कृष्ट नमूना है" उसमें से एक ने बोला।
फिर कुछ लोग ने कैलरो से पूछा, " यह किसने बनाया है " तो जब के लोगों ने एंटोनियो को सब ने बुलाया तो सब ने उसकी तारीफ की।

 कैलरो उसकी कला पर मुक्त हो गया‌। मेहमानों से प्रशंसा पाकर वह बहुत खुश हो गया था। उसने एंटोनियो को घर से काम-काज से छुड़ाकर अध्ययन में लगा दिया।

 देखते ही देखते एंटोनियो विश्व का प्रसिद्ध मूर्तिकार बन गया उसने अपना नाम किनोवा रख लिया । 
अगर एंटोनियो उस अवसर का लाभ नहीं उठाता, तो अवसर का जो क्षण उसके सामने आया था, उसका उपयोग नहीं करता तो वह विश्व का प्रसिद्ध मूर्तिकार नहीं बन सकता था । वह जीवन भर घरेलू नौकर ही बनकर रह जाता। और एडिया रगड़ते-रगड़ते उसकी जिंदगी वही बर्तन मांजने और झाड़ू पोछा करने में ही बीत जाती। आदमी को अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
 अवसर के सामने आने पर रुकना नहीं चाहिए, मौका आते ही चौका लगा देना चाहिए। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है। जिसके साथ ऐसा न होता हो, प्रत्येक व्यक्ति अवसर का समय पर लाभ नहीं उठा सकता है। इसका कारण उसका आलस्य है। अगर एंटोनियो ठीक समय पर नहीं मिला होता तो क्या वह इतना कुशल कारनामा दिखा सकता था नहीं !  प्रत्येक व्यक्ति में कोई न कोई प्रतिभा होती है। अपने इन प्रतिभाओं के बल पर वह सब कुछ कर सकता है। पर कठिनाइयां यह है कि इसका प्रदर्शन उचित समय पर नहीं कर पाता। अवसर आने पर वह चुपचाप खड़ा रह जाता है। वहीं पर रुक जाता है। इसका मुख्य कारण उसके विश्वास की कमी है। विश्वास सबसे बड़ी चीज है।

 हमारा तो मानना है कि संसार की तमाम औषधियों से बढ़कर एक महाऔषधि है। वह सबके पास है। दुख तो यह है कि हम उसका उपयोग नहीं कर पाते।

 इस माहौषधि का नाम है -विश्वास- 
विश्वास में इतनी शक्ति है कि जिसके बल पर वह असंभव कार्य को भी कर सकता है 

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